पत्र एवं पत्रकारिता >> मीडिया के मानक और लोग मीडिया के मानक और लोगप्रशान्त दुबे
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भूमंडलीकरण की बीस सालों की प्रक्रिया के बाद अब विकास के तय मानकों के बीच से हरीबी, लाचारी, बेबसी का चेहरा साफ नजर आता है...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
भूमंडलीकरण की बीस सालों की प्रक्रिया के बाद अब विकास के तय मानकों के बीच से हरीबी, लाचारी, बेबसी का चेहरा साफ नजर आता है। तमाम जाले साफ हुये हैं। विकास की पक्षधरता सबके हित में समान रूप से नहीं है। आंकड़ों के खेल कुछ और तस्वीरें बयां करते हैं, पर सच्चाई कुछ और है।
पर क्या मीडिया भी इस पूरी तस्वीर को साफ तौर पर समझ पा रहा है। समझ रहा है तो क्या उस पर पर्याप्त सवाल खड़े हो रहे हैं?
पर क्या मीडिया भी इस पूरी तस्वीर को साफ तौर पर समझ पा रहा है। समझ रहा है तो क्या उस पर पर्याप्त सवाल खड़े हो रहे हैं?
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